मन भावनाओं से संचालित होता है
जिंदगी एक अनमोल तोहफा है इस खूबसूरत सी दुनिया में कई संबंधों के बीच चलती रेलगाड़ी के इंजन की तरह मन और उसके डिब्बे भावनाओं की तरह संचालित होते हैं !अर्थ यह हुआ की मन भावनाओं से संचालित होता है और यह मन ही है जो सुख-दुख , सफलता -असफलता ,स्वतंत्रता – बंधन ,मोह- माया आदि के वशीभूत होकर अपना उद्देश्य निर्धारित करता है !
जीवन नाम है महत्वाकांक्षाओं का
जीवन केवल कुछ चलती हुई सांसों का नाम नहीं है ,जीवन नाम है उन महत्वाकांक्षाओं का जहां एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ सी मची रहती है !कहने को जिंदगी बहुत लंबी है और देखा जाए तो पल का भी भरोसा नही ,जीवन पानी के एक बुलबुले की भांति है यह जीवन का नकारात्मक पक्ष होते हुए भी सत्य है !
जीवन को कर्म प्रधान बनता है
खुशी उत्साह -प्रेरणा -अभिप्रेरणा से ओतप्रोत एक सत्य और भी है और वह है संबंध , मान-सम्मान और गर्व जो जीवन को कर्म प्रधान बनाता है और जीवन से कभी मोह भंग नहीं होने देता !
मन को सदैव खुश रखे
जीवन क्षण – क्षण करके गुजर रहा है अब यह हमारे ही हाथ है कि हम इसे काटें या हर एक पल से छोटी-छोटी खुशियों को समेटकर यादों का एक गुलदस्ता बनाकर अपनी जिंदगी को खुशबुओं और रंगों से भरलें या छोटी-छोटी समस्याओं में उलझ कर अपनी खुशियों की तिलांजलि दे दें !खुशी मिलती है मन से इसलिए मन को खुश रखने का प्रयास करें , मन को खुशी मिलती है संबंधों से इसलिए प्रयास करें कि सब खुश रहें चाहे वह अपने हो या पराये !
“सबसे मिल जुल कर रहना हंसना हंसाना खुशियों से भरी है यह जिंदगी लोगों से मिलने का ढूंढो बहाना!”
जिंदगी के हर लम्हे को ऐसे जियो जैसे वही जीवन का अंतिम क्षण हो ,पानी के बुलबुले में विश्वास तो रखो मगर गुब्बारे से मिलने वाली मानव मन की खुशियों को अनदेखा भी ना करो !
व्यक्ति का सम्मान उसके गुणों से कीजिये
तो क्यों ना हम किसी इंसान की कदर जीते जी करें ,किसी से मिलकर सिर्फ उसकी अच्छाइयों पर नजर क्यों ना रखें ,व्यक्ति का सम्मान उसके रूप -रंग ,उसकी सामाजिक मान -प्रतिष्ठा से ना कर उसके मानवीय गुणों के आधार पर क्यों करें !
जीवन अमूल्य है
अपनों का सम्मान करें अपनों के सपनों का सम्मान करें जिंदगी अनमोल है “खुद भी जियें औरों को भी जीने दे” जीवन अमूल्य है जिसका प्रत्येक क्षण मूल्यवान है ,समय की कद्र करैं ,हर एक पल से खुशियों को चुराए खुद भी खुश रहे औरों पर भी खुशियां लुटाऐं !
छोटी -मोटी समस्याओं मैं उलझकर जीवन के बड़े -बड़े सुखों को नष्ट न करें
जिंदगी का सार ही खुश रहना है मगर रोजमर्रा की उलझनों से मानव जीवन का सार ही समाप्त होता जा रहा है ,नकारात्मक -भाव भरते जा रहे हैं , जिंदगी मिले जुले अनुभवों का परिणाम है यह अनुभव क्षणों में निहित हैं खुशी देने वाले पलों को सहेज कर दुखों का दहन कर उन्हें सदा सदा के लिए नष्ट कर दें !
ख़ुशी के बहाने ढूँढना ही ख़ुशी का मूल मंत्र है खुश रहिये ,हँसते -रहिये हँसते रहिये ,जीवन अनमोल है मुस्कुराते रहिये !
धन्यवाद
🙏🙏🙏
👍👍👍
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Thank you sidra 👌
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Beautiful piece of writing
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Thank you so much 🙏
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👌👌
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Thank you 👍
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Thank you ,sidra …..
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Well said
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🙏🙏🙏
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beautiful
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