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“व्यक्ति विचारों से ही ज़िंदा है !”

विचार जीवन का आधार है

जीवन विचारों के साथ आरंभ होता है और विचारों के साथ ही समाप्त हो जाता है ! एक अद्भुत विचित्र लगने वाला यह जीवन कुछ और नहीं विचारों का एक सिलसिला मात्र है !कभी शुन्य से आरंभ तो कभी शुन्य पर समाप्त अर्थ यह हुआ की जीवन का आरम्भ और अंत दोनों ही विचारों पर निर्भर करता है जब तक विचार हैं तब तक हम हैं जिस दिन विचार नहीं समझो हम भी नहीं !अर्थात विचार जीवन का आधार है !

बुद्धिमत्ता की पहचान

विचार आते कहां से हैं !विचार हमारे मन और मस्तिष्क के सयोजन का परिणाम हैं जहां मन और मस्तिष्क मिलते हैं वहीं विचार उत्पन्न होते है मन और मस्तिष्क का यह अद्भुत संबंध केवल मनुष्यों में ही पाया जाता है सोच समझ के लिए एक विकसित मस्तिष्क की आवश्यकता होती है जो समस्त जीवधारीयों की अपेक्षा केवल मनुष्य में ही पाया जाता है !विचार परिवर्तनशील होते हैं जो परिस्थिति के अनुरूप परिवर्तित होते रहते हैं ,परिस्थिति और विचारों का यह अद्भुत संबंध भी केवल मनुष्यों में ही देखने को मिलता है तभी तो मनुष्य सर्वाधिक बुद्धिमान कहलाता है !

विचार हमारी समझ व हमारे ज्ञान के धोतक है वह विचार ही है जो व्यक्ति को मान-सम्मान दिलते हैं यदि व्यक्ति महान बनता है तो अपने विचारों से !घर- परिवार ,कार्य -व्यापार सब की सफलता व असफलता विचारों पर ही निर्भर करती है !इस प्रकार विचार हमारे संबंधों को जोड़ने वाली कड़ी का काम करते हैं अतः इस प्रकार यह हमारे संबंधों को सींचने वाला वाला अमृत है !

विचार परिवर्तन के धोतक हैं

क्रांतिकारी विचारों ने एक बड़ा परिवर्तन ला दिया जब इन्हीं विचारों ने प्रेम का रूप धारण किया तो हीर राँझा को बना दिया !करुणा ,दया ,ममता ,सुख -दुख और जाने क्या-क्या ?सब कुछ इन विचारों की ही तो देन है !कभी बंधन युक्त कर लेते हैं तो कभी बंधन मुक्त !यह जीवन को आधार प्रदान करते हैं और निराधार भी यही बनाते हैं कभी हमें अपने सुख के लिए जीने को प्रेरित करते हैं तो कभी अन्यों की भावनाओं को आहत ना करने के लिए अतः इस प्रकार विचारों की स्वाधीनता और पराधीनता का नाम ही जीवन है !

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जब हम विचारों की बात करते हैं तो विचारों का अर्थ होता है विचारशील होना !विचार अर्थात प्रगति, प्रगति इसलिए क्यूंकि हमारा भविष्य भूत के विचारों के आधार पर ही दिशा पता है व्यक्ति की सफलता एवं असफलता उसके सकारात्मक एवं नकारात्म विचारों पर ही निर्भर करती है !जीवन में नवाचार नयापन सब कुछ विचारों पर ही निर्भर करता है इसका अनुमान विश्व में होने वाली विभिन्न क्रांतियों से लगाया जा सकता है जिनका आरंभ विचारों से ही हुआ !

विचार व्यक्ति के अस्तित्व की पहचान है अतः इन्हें निरंतर रखिये वैचारिक निरंतरता से ही जीवन चलाएं मान है !अपनी वैचारिक निरंतरता को जारी रखते हुए आगे बढ़ते रहिये अगले ब्लॉक में फिर मुलाकात होगी तब तक के लिए हंसते रहिए- हंसाते रहिए ,जीवन अनमोल है मुस्कुराते रहिए !

धन्यवाद

🙏🙏🙏

32 विचार ““व्यक्ति विचारों से ही ज़िंदा है !”&rdquo पर;

    1. सही कहा आपने !यहां मेने भी विचार शब्द का उपयोग उसकी वृहद वैचारिक अवधारणा के रूप में ही किया हे , इस प्रकार संसार का कोई भी विषय विचारों से अछूता नहीं है !
      धन्यवाद!! 🙏🙏!!

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      1. विषय चाहे जो भी हो ,ज्ञान ही प्रदान करता है और मेरे विचार से किसी भी विचार के आरम्भ होने के लिए आधार विषय से ही मिलता है विचारों का उदय शुन्य से नहीं हो सकता प्रकुति भी एक विषय ही है तो मेरे विचार से प्रकृति भी मानव का विचारनीय विषय एवं विस्तार दोनों है !

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  1. हम समय के 5% के बारे में जागरूक विचार रखते हैं। लेकिन अवचेतन कार्यक्रम समय के 95% पृष्ठभूमि में हमारे जीवन को नियंत्रित करते हैं। ये कार्यक्रम शायद ही कभी हमारे चेतन मन से बदले हों। वास्तव में अपने सचेत विचारों और कार्यों को बदलने के लिए, हमें ध्यान, आध्यात्मिक और अल्फा और थीटा मस्तिष्क तरंग स्तरों जैसी चीजों के माध्यम से अवचेतन कार्यक्रमों में से कुछ को फिर से लिखना और अपडेट करना होगा।🤔🤫🤪

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    1. ब्लॉग को पढ़ने ,उसपर विचार करने और विचार साझा करने के लिए धन्यवाद !
      बिलकुल इससे वैचारिक चेतना जागृत होगी और इसका लाभ व्यावहारिक जीवन में मिलेगा !!!🙏!!!

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