कयामत ,की रात -थी वो !
जब ,उसका – ज़वाल देखा !!
हर एक – शख्स के !!!
लब पे – सवाल देखा !!!!
मुकद्दर , किसी का – यूं !
बिगड़े न – इस तरह !!
अपनों की – थी महफिल !!!
गैरों सा – हाल देखा !!!!
वाबस्ता – जो , नहीं थे !
थे वो भी – वक्त की तलाश में !!
रखते थे – वह ,भी क्या !!!
दिल में – ख्याल ,देखा !!!!
दिल शिकनी – करके भी था !
खुद पर – जिन्हें गुरूर !!
इनायत – का उनकी !!!
क्या-क्या गुमान देखा !!!!
दिल से – निभाए जो !
बस ,शिद्दत – उसी में है !!
नाम के – रिश्तों का !!!
तो बस – कतले आम देखा !!!!
दुनिया है ये – इससे कोई !
तवकको – न कीजिए !!
गुलशन -उजाड़ कर भी !!!!
न ,इसको – मलाल देखा iv
Bahut khoob
Sahi farmaya
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Isse padhne aur pasand karne ke liye shukriya !
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Welcome ji
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Itni acchi line h mera pass word nhi bolne ko
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Aapka bahut bahut shukriya !
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Aapke muhh me ghee shakar😄😄
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Shukriya but kisliye ?
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Itni acchi line ke lye dil chuuu gya sach me hum to bahut friend ko v share kr dye
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Shukriya …..🙏🙏
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कमाल की रचना, वाह
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शुक्रिया 🙏🙏🙏
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Lovely image
🙂🙂🙂
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Thank you very much ☺️☺️☺️
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Unfortunately I can’t understand the words
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Thank you so much for taking interest in my post ,soon i will add translator …….!
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Thank you
🙏❤🙏
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My pleasure …🙏🙏💝
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Your post is unparralel-sidhe dil mei utar jati hai! Aur mai kya bolun Mohatarma,Rahat!
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Thank you very much for reading my post and leaving such a great comment .
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Good
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Thank you very much !
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अपनों की थी महफ़िल !गैरों सा हाल देखा !!
कयामत ,की रात -थी वो !जब ,उसका ज़वाल देखा !!
हर एक शख्स के लब पे सवाल देखा,
कितना शिद्दत से चाहा था वो
कैसे हैं अपने ये कैसा संसार देखा।
कितनी खूबसूरत कविता। मगर सोचनीय।
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