
क्या-क्या रफू करोगे !
रह जाएगा निशान !
बारिश के बाद जैसे !
सूखा हुआ मकान !
मिले थे नसीब से तो !!
बिछड़ना भी नसीब था !!
आए यकीन क्यों ना !!
किस्मत का था लिखा !!
अपनी ही है ज़मीन और !!!
अपना ही आसमां !!!
लगता है फ़िर पराया !!!
सारा ही क्यों जहां !!!
शीशे के घरों में i v
पत्थर के लोग हैं i v
इनसे तो बेहतर i v
मिट्टी के थे मकान i v