Mental health and personality development

“चिंता और तनाव को कैसे नियंत्रित करें !”

बढ़ती प्रतिस्पर्धा और काम की आपाधापी से जीवन तनावपूर्ण होता जा रहा है आज जिसे देखो वह तनाव का शिकार है विद्यार्थियों को परीक्षा का तनाव ,स्त्रियों में घर व बाहर के कार्यों में संतुलन बनाये रखने का तनाव ,पुरुषों पर कार्य व्यवसाय घर और बहार के उत्तरदायित्व का तनाव ,कोई संबंधों के जुड़े रहने से दुखी है तो कोई संबंधों के टूटने से चिंता ग्रस्त !

आज हाल यह है कि सुख सुविधाओं का सारा सामान होते हुए भी व्यक्ति उनका उपयोग नहीं कर पा रहा है जिसका प्रमुख कारण है बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा और कार्य की आपाधापी जिसके चलते व्यक्तिचिंता ,सरदर्द ,डिप्रेशन ,हिस्टीरिया आदि रोगों से ग्रसित होता जा रहा है !

तनाव को दो प्रकार से नियंत्रित किया जा सकता है एक आप के प्रयास से और दूसरा आपके खान-पान से यहां हम आपको चिंता से बचने के कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जो चिंता से मुक्ति दिलाने में आपकी सहायता करेंगे
तनाव से मुक्ति !

आपके जरा से प्रयास से आप इन 12 टिप्स को अपनाकर तनाव मुक्त हो सकते हैं

(12 Tips to release stress and tension)

1.सकारात्मक सोच अपनायें

मन में कोई भी नकारात्मक विचार ना आने दें , सकारात्मक सोच रखने वाले लोगों के आसपास रहे और नकारात्मक सोच वाले लोगों के विचारों को avoid करैं ,अच्छा सोचें अच्छा करे ,नकारात्मक चीजों में से भी सकारात्मक गुणों को निकाल कर लाए परिस्थितियां उत्पन्न करें परिस्थिति के आने का इंतजार ना करें ,हमेशा प्रसन्न चित्त रहें इससे लोग आप की और आकर्षित होंगे ,इसके लिए बड़े – बड़े बुद्धिजीवियों की जीवनीयों का अध्ययन भी किया जा सकता है !

2.समय का उचित प्रबंधन करें
अत्यधिक कार्य बोझ के कारण व्यक्ति कार्यों के बोझ में दबा रहता है इससे उसके तन व मन दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे restless feel करता हैं अतः इसलिए जरूरी है कि कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए जिससे कि कार्य से उत्पन्न होने वाले तनाव में कमी आ सके आप सब के काम आए सब के काम आना अच्छी बात है मगर कभी – कभी ना कहने में ही समझदारी है यदि आप फ्री हैं तो किसी का भी कार्य अपने सर पर ले सकते हैं परंतु यदि पहले से ही आप किसी कार्य बोझ में दबे हुए हैं तो किसी से कोई काम करने का वादा ना करें काम चाहे आप का हो या दूसरे का समय पर ना होने से तनाव उत्पन्न होगा !
3.दोस्तों के मूल्य को समझें
अकेले रहने से बचे जितना हो सके दोस्तों से मिले -जुले उनके साथ समय व्यतीत (Time spend)करें ,उनके साथ चर्चा करें अगर आप दुखी हैं तो उनसे बात करके आपके दुखों में कमी अनुभव करेंगे और यदि आप उनके साथ अपनी खुशी को बाटेंगे तो वह 4 गुना बढ़ जाएगी दोस्तों की बातों से आप Relax feel करेंगे अर्थात आपको राहत मिलेगी !याद रखिये दोस्त प्रत्येक रोग की वह दवा है जो मुफ्त में मिलती है दोस्तों के आसपास रहने से एक Comfort zone बन जाता है जिसमें आप अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं !

4. अलकोहल से बचें

अक्सर देखा गया है कि लोग आग से बचने के लिए नशे का सहारा लेते हैं जबकि नशा अपने आप में तनाव का एक महत्वपूर्ण कारण है इसके सेवन से तनाव की स्थिति में कमी आने के बजाय तनाव और अधिक बढ़ जाता है अतः अल्कोहल या किसी भी प्रकार के नशे से बचें (Avoid) करें !

5. अत्यधिक सोच विचार से बचें

भूत व भविष्य की चिंताओं में न डूबे ऊपर वाले पर विश्वास रखें जिसने आपको बनाया है आपसे ज्यादा उसे आपकी चिंता है अगर कोई समस्या आपके सामने आई है तो उसने उसका कोई बेहतर हल भी रखा होगा अतः आप समस्या में उलझे नहीं बल्कि समस्या का बेहतर हल ढूंढने का प्रयास करें ,जो बीत चुका है उस पर हमारा नियंत्रण नहीं था और जो आने वाला है उस पर भी एक निश्चित सीमा तक ही हम नियंत्रण स्थापित कर सकते हैं किसी भी चीज को पूर्णत नियंत्रित करने का प्रयास ना करें क्योंकि पूर्ण नियंत्रण आपके हाथ में नहीं है ,अगर God पर विश्वास करते हैं तो कुछ चीजें God पर भी छोड़ कर देखिए यकीन मानिए आपके साथ कभी बुरा नहीं हो सकता !

6. झूठ न बोले

याद रखें झूठ की सुनवाई आत्मा की अदालत में होती है और आत्मा सच -झूठ को बखूबी जानती है !जब भी आपको अपने झूठ का ख्याल आएगा आप तनाव ग्रस्त हो जाएंगे अतः झूठ से बचें अधिक से अधिक क्या होगा ?दंड ही तो मिलेगा शारीरिक दंड मानसिक दंड से कहीं बेहतर है !

7. म्यूजिक सुनें

जब भी कभी आप तनाव ग्रस्त हो या तनाव का अनुभव करें तो संगीत सुनें ,संगीत हमें किसी दूसरी ही दुनिया में ले जाता है आप संगीत में डूब कर समस्त टेंशन भूल जाते हैं संगीत गहरी नींद लाने में भी सहायता करता है और इस प्रकार शरीर ऊर्जा से भरकर तरोताज़ा हो जाता है !

8. दूसरों से अपनी तुलना से बचें और स्वयं में निरंतर सुधार करते रहें

प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में श्रेष्ठ है आप भी उनमे से एक हैं इसलिए दूसरों से अपनी तुलना कभी ना करें खुद को दूसरों से कम करके कभी ना आंके इससे हीन भावना जन्म लेती है जिससे व्यक्ति तनाव ग्रस्त हो जाता है व्यक्ति की सफलता या असफलता उसकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति और उसकी मनोदशा पर निर्भर करती है इसलिए दूसरों से तुलना से बचें और आवश्यकतानुसार स्वयं में निरंतर सुधार करते रहे !

9. पर्याप्त नींद ले

अधिकतर देखा गया है कि तनाव ग्रस्त व्यक्ति अनिद्रा का शिकार हो जाता है इससे पाचन संबंधी गड़बड़ी उत्पन्न हो जाती है इनडाइजेशन से घबराहट आदि समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं अनिद्रा की स्थिति में व्यक्ति को चाय , काफी एवं अन्य कैफीन की अधिकता वाले पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए साथ ही 7 से 8 घंटे की sound sleep लेनी चाहिए इससे आप relax feel करेंगे !

10 .स्वयं के लिए भी समय निकाले

कुछ समय सिर्फ अपने लिए अपनी हॉबीज के लिए निकालें इससे आप में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और तनाव से मुक्ति मिलेगी !

11.एकाग्रचित्त होने के लिए एक्सरसाइज करे

एक्सरसाइज से मांसपेशियों में खिंचाव होता है इससे आपका ध्यान मांसक तनाव से हट जाता है अतः आप तनाव मुक्त अनुभव करते हैं एक्सरसाइज के दौरान श्वासतीव्र गति से लेने के कारण ऑक्सीजन शरीर के भीतर प्रवेश कर शरीर के भीतर विभिन्न अंगों तक पहुंचकर शरीर को ताजगी प्रदान करता है

12. आत्मविश्वास बनाए रखे

कार्यों को पूरी लगन के साथ करें इससे आपकी सफलता सुनिश्चित होगी इससे आपके मनोबल में वृद्धि होगी इसलिए सदैव अपना मनोबल ऊंचा रखिए , कार्य के प्रति उत्साहित रहिए ,कार्य को पूरा मन लगाकर करिए ,स्वयं के ऊपर पूर्ण विश्वास रखिए मन में यह संकल्प करके चलिए कि ऐसा कोई काम नहीं है जो आप नहीं कर सकते इस बात को कभी मत भूलिए की ” मन के जीते – जीत है मन के हारे -हार” जब आपको कार्यों में सुचारू रूप से सफलता मिलने लगेगी तो इससे आपके तनाव में कमी आएगी !

अगले ब्लॉग में हम तनाव को खान – पान से नियंत्रित करने वाले टिप्स पर चर्चा करेंगे ,तब तक के लिए हँसते -रहिये ,हँसाते -रहिये जीवन अनमोल है मुस्कुराते रहिये !

धन्यवाद

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