कुछ रिश्तों सा कुछ नातों सा !
रिश्ता हर एक हे बातों सा
कुछ बह निकले पानी बनकर
कुछ जाये ठहर दर्द के जैसा !!
संबंधों की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह
संबंधों की प्रतिबद्धता का होता समापन ! संबंधों की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है !वास्तव में सम्बन्ध हैं क्या ?यही एक प्रश्न जिसे देखो उसी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है !आजके दौर में संबंधों ने जिस तेज़ी से अपने वास्तविक अर्थ को खोया है ,ज़रूरते जिस तेज़ी से संबंधों पर भारी पढ़ गयीं पता ही नहीं चला !
मन व मस्तिष्क का का भ्रम जाल
विकास ,प्रगति ,स्टेटस की झूठी व्याख्या और झूठा दम्भ वास्तव में मन व मस्तिष्क के झूठे भ्रम का ही परिणाम है !ये भ्रम व्यक्ति को एक ऐसी माया नगरी में ले जाता है जहां भटकाव और असंतुष्टि के अतिरिक्त कुछ नहीं होता और व्यक्ति एक लम्बी उम्र गुज़ार कर सालों की तिलांजलि देकर दशकों के बाद माया के उस भ्रम से निकल आता है !पर वो कहते हैं न ” अब पछतावे होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गयीं खेत !”
प्रतिबद्धता की आंच संबंधों के शुद्धिकारन के लिए आवश्यक
संबंधों को विश्वास की कसौटी पर कसा जाता है जहां प्रतिबद्धता की आंच इन्हें शुद्ध बनाती है !प्रतिबद्धता अर्थात वादा !एक ऐसा वादा जो व्यक्ति स्वयं -स्वयं से करता हे !व्यक्ति का यही वादा उसकी इच्छा ,उसकी आकांक्षा ,उसका संकल्प बन जाती है !जो व्यक्ति के जीवन को एक दिशा प्रदान करती है !
प्रतिबद्धता जीवन के हर दौर में ज़रूरी है
विश्वास की एक डोर जो एक इस छोर तो दूसरी उस छोर संबंधों को बांधे रखती है !प्रतिबद्धता कोई पखवाड़ा नहीं हे जिसकी आवश्यकता एक समय विशेष पर विशेष रूप से हो यह तो जीवन के प्रत्येक क्षण में ज़रूरी है !जीवन के हर दौर में ज़रूरी है !
प्रतिबद्धता में कमी के परिणाम
प्रतिबद्धता की कमी रिश्तो में अविश्वास पैदा करती है जो भविष्य में खटास का कारन बनती है !अविश्वास संबंधों का एक ऐसा प्रतिबिम्ब प्रदर्शित करता है जो वास्तव में होता ही नहीं है , एक ऐसी सोच को जन्म देता है जो सोच का विषय ही नहीं है , एक ऐसे घाव का अनुभव करता है जो चोट है ही नहीं !
जीवन नीरस ,निराशापूर्ण व असंतुष्ट मन ,चिन्तनमयी मस्तिष्क जीवन को डावाडोल बना देता है सुख का लोप व संतुष्टि का अंत हो जाता है !सोच विचार की शक्ति क्षीड़ हो जाती है !द्वन्द में उलझा व्यक्ति न घर का रहता है न घाट का सम्बन्धो की डोलती नैया जीवन के सुख चैन को ले डूबती है और हिस्से आता है संताप और घृणा कभी लोगो से तो कभी अपने आपसे !
सम्बन्धो में विश्वास उत्पन्न कीजिये संबंधों का आनंद लीजिये अगले ब्लॉग में फिर मुलाक़ात होगी तब तक हाँहते रहिये हसते रहिये जीवन अनमोल है मुस्कुराते रहिये !
धन्यवाद !
🙏🙏🙏
Sundar
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
धन्यवाद !
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Great post
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Thank you so much for visiting and reading my post !
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
good one
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Thank you so much !
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Indeed promises do keep the relationship in check..
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
My aim was to bring more closeness to the relationship by eliminating mistrust and doubt .😊
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Nice one!
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Thank you !
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
interesting
पसंद करेंLiked by 2 लोग
Thank you Denise !
पसंद करेंLiked by 2 लोग
you are welcome
पसंद करेंLiked by 2 लोग
My pleasure !
पसंद करेंLiked by 2 लोग
Superb and meticulous! Very well crafted and expressed! Loved it,Rahat!
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Thank you so much for your humble response .My aim was to delivered my thoughts without hurting any body .
पसंद करेंLiked by 2 लोग
you have served your purpose very well!
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
🙏🙏🙏
पसंद करेंLiked by 2 लोग
Thank you so much !
पसंद करेंLiked by 2 लोग
Cheers!
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
😊😊😊
पसंद करेंLiked by 2 लोग
Atyant hi sundar prastuti.. Incredible work… 🙂 🙂
पसंद करेंपसंद करें
Promises are often a part of our life.. great post yar..
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Thank you so much 😊😊
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति